Close Menu
Golden Classes
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Golden Classes
    • Home
    • Sarkari Yojna
    • Subject
      • PHYSICS
      • Psychology
      • Philosophy
      • Geography
        • World Geography
        • Rajasthan Geography
        • India Geography
      • Arts & Culture
      • Science
      • Computer
      • हिंदी Hindi
      • History
        • Rajasthan History
        • Modern History
        • Medieval History
        • Ancient History
      • Political Science
      • Economy
    • Govt Jobs
    • Motivational
    • Web Stories
    • Others
      • Full Form
    Golden Classes
    Home»हिंदी Hindi»क्रिया क्या होती है व कितने प्रकार की होती है I What Is Kriya?
    हिंदी Hindi

    क्रिया क्या होती है व कितने प्रकार की होती है I What Is Kriya?

    By NARESH BHABLAOctober 28, 2023Updated:October 28, 20234 Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    क्रिया क्या होती है
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    क्रिया का अर्थ है करना

    क्रिया के बिना कोई वाक्य पूर्ण नहीं होता किसी वाक्य में कर्ता कर्म तथा काल की जानकारी भी क्रियापद के माध्यम से ही होती है।

    तथा संस्कृत में क्रिया रूप को धातु कहते हैं जैसे :- खाना , नाचना , खेलना , पढना , मारना , पीना , जाना , सोना , लिखना , जागना , रहना , गाना , दौड़ना आदि।

    धातु – हिंदी क्रिया पदों का मूल रूप ही धातु है धातु में ना जोड़ने से हिंदी के क्रियापद बनते हैं

    परिभाषा – जिस शब्द से किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते हैं 

    जैसे -लिखना,हँसना आदि

    Page Contents

    • क्रिया के भेद ( Difference of action )
      • कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं
    • प्रयोग तथा संरचना के आधार
    • संरचना के आधार पर
      • 1. संयुक्तक्रिया – 
      • 2. नाम धातुक्रिया –
      • 3. प्रेरणार्थकक्रिया – 
      • 4. पूर्णकालिकक्रिया – 
      • 5. तात्कालिकक्रिया – 
      • 6. कृदंतक्रिया – 
      • 7. यौगिकक्रिया – 
      • 8. द्विकर्मकक्रिया– 
    • काल के आधार

    क्रिया के भेद ( Difference of action )

    कर्मकाल के आधार तथा संरचना के आधार पर क्रिया के विभिन्न भेद किए जाते हैं

    कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद हैं

    1. अकर्मकक्रिया
    2. सकर्मकक्रिया

    1. सकर्मकक्रिया – जिस क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़े वह सकर्मकक्रिया कहलाती है 

    जैसे -भूपेन्द्र दूध पी रहा है, नीतू खाना बना रही है ।

    बच्चा चित्र बना रहा है, गीता सितार बजा रही है ।

    सकर्मकक्रिया के दो उपभेद किये जाते हैं –

    • एक कर्मकक्रिया – जिस वाक्य में क्रिया के साथ एक कर्म प्रयुक्त हो उसे एक कर्मकक्रिया कहते हैं।
    • जैसे -मां पढ़ रही है।
    • द्विकर्मकक्रिया – जिस वाक्य में क्रिया के साथ दो कर्म प्रयुक्त हो उसे द्विकर्मकक्रिया कहते हैं।
    • जैसे – अध्यापक छात्रों को कंप्यूटर सिखा रहे हैं।

    2. अकर्मकक्रिया – जिस वाक्य में क्रिया का प्रभाव या फल कर्ता पर पड़ता है क्योंकि कर्म प्रयुक्त नहीं होता उसे अकर्मकक्रिया कहते हैं जैसे -कुत्ता भौंकता है। कविता हँसती है। टीना होती है। आशा सोती है। मीना गाती है।

    सकर्मक और अकर्मकक्रिया का पता कैसे चलता है

    क्रियावाचक शब्द से पहले क्या शब्द से प्रश्न करने से, स्वतः संपादित क्रियाएं सदैव अकर्मक मानी जाती है, यदि आना जाना इत्यादि गत्यर्थक क्रियाओं वाले वाक्य में स्थान का नाम भी दिया हुआ हो त्रतो वहाँ सकर्मक नहीं तो अकर्मक मानी जाती है.

    • पेड़ से पत्ते गिर रहे हैं। अकर्मक
    • वह पेड़ से पत्ते गिरा रहा है। सकर्मक
    • बच्चे गये। अकर्मक
    • बच्चे विद्यालय गये। सकर्मक
    • सड़क पर पत्थर पड़ा है। अकर्मक

    प्रयोग तथा संरचना के आधार

    वाक्य में क्रियाओं का प्रयोग कहाँ किया जा रहा है किस रूप में किया जा रहा है इसके आधार पर भी क्रिया के निम्न भेद होते हैं –

    1. सामान्यक्रिया
    2. संयुक्तक्रिया
    3. प्रेरणार्थकक्रिया
    4. पूर्वकालिकक्रिया
    5. नाम धातुक्रिया
    6. कृदंतक्रिया
    7. सजातीयक्रिया
    8. सहायकक्रिया

    संरचना के आधार पर

    • सयुक्तक्रिया
    • नामधातुक्रिया
    • प्रेरणार्थकक्रिया
    • पूर्वकालिकक्रिया
    • कृदंतक्रिया

    1. संयुक्तक्रिया – 

    जब दो या दो से अधिक के भिन्न अर्थ रखने वाली क्रियाओं का मेल हो उसे संयुक्तक्रिया कहते हैं 

    1. मोहन नाचने लगा ,
    2. प्रियंका ने दूध पी लिया
    3. उसने कर लिया
    4. वह खा चुका

    इन वाक्यों में नाचने लगा, पी लिया, कर लिया, खा चुका इन शब्दों को संयुक्तक्रिया कहते है इनमे दो क्रियाएँ का योग है

    इसमें पहलीक्रिया मुख्यक्रिया होती है और दूसरीक्रिया सहायकक्रिया के रूप में मुख्यक्रिया में विशेषता लाती है

    2. नाम धातुक्रिया –

    संज्ञा सर्वनाम विशेषण शब्द जब धातु की तरह प्रयुक्त होते हैं उन्हें नामधातु कहते हैं और इन नामधातु शब्दों में जब भी प्रत्यय लगाकरक्रिया का निर्माण किया जाता है तब वह शब्द नामधातुक्रिया कहलाते हैं 

    जैसे – टकराना ,शरमाना ,ललचना ,सठियाना ,गरमाना ,अपनाना ,दोहराना ,चिकनापन आदि

    जैसे – नरेश ने सुरेश का कमरा हथिया लिया।

    3. प्रेरणार्थकक्रिया – 

    जब कर्ता स्वयं कार्य का संपादन ना कर किसी दूसरे को करने के लिए प्रेरित करें या करवाएं उसे प्रेरणार्थकक्रिया कहते हैं

     जैसे – सुनना, लिखना, पढ़ाना, कराना

    1. अध्यापक बच्चे से पाठ पढवाता है
    2. रमेश अपने बेटे से काम करवाता है
    3. सरपंच ने गांव में तालाब का निर्माण करवाया

    Also Read:- पद किसे कहते हैं?(परिभाषा, भेद एवं उदाहरण) | Pad Kise Kahate Hain

    4. पूर्णकालिकक्रिया – 

    जब किसी वाक्य में दो क्रियाएं प्रयुक्त हुई हो तथा उनमें से एकक्रिया दूसरीक्रिया से पहले संपन्न हुई हो तो पहले संपन्न होने वाली क्रिया पूर्वकालिकक्रिया कहलाती है 

    इन क्रियाओं पर लिंग ,वचन ,पुरुष, काल आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। 

    ये अव्यय तथा क्रिया विशेषण के रूप में प्रयुक्त होती है । मूल धातु में ‘कर’ लगाने से सामान्यक्रिया को पूर्वकालिकक्रिया का रुप दिया जा सकता है,

    जैसे –
    1. ख़िलाड़ी क्रिकेट खेलकर बैठ गए
    2. श्याम पढ़कर सो गया
    3. अनुज खाना खाकर स्कूल गया
    4. बच्चा दूध पीते ही सो गया।

    5. तात्कालिकक्रिया – 

    यह क्रिया भी मुख्यक्रिया से पहले समाप्त हो जाती है ,पर इसमें और मुख्य क्रय में समय का अंतर नहीं होता ,केवल क्रम का अंतर होता है

    जैसे –
    1. वह आते ही सो गया
    2. शेर को देखते ही वह बेहोश हो गया

    6. कृदंतक्रिया – 

    क्रिया शब्दों में जुड़ने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते हैं तथा प्रत्यय के योग से बने शब्द कृदंत कहलाते हैं

    क्रिया शब्दों के अंत में प्रत्यय योग से बनी क्रिया कृदंतलक्रिया कहलाती है क्रिया चल, कृदंतक्रिया चलना ,चलता ,चल कर

    7. यौगिकक्रिया – 

    जिस वाक्य में दो क्रियाएँ एक साथ आती हो और दोनों मिलकर मुख्यक्रिया का काम करती हो ,उसे यौगिकक्रिया कहते है

    इसमें पहलीक्रिया पूर्णकालिक होती है जैसे –
    1. वह समान रख गया
    2. परीक्षा सिर पर आ पहुँची है
    3. मैंने पत्र लिख भेजा

    8. द्विकर्मकक्रिया– 

    जिस सकर्मकक्रिया का फल दो कर्मों पर पड़े , उसे द्विकर्मकक्रिया कहते है जैसे –
    1. रमेश ने साँप को डंडा मारा
    2. सोहन दूध पी रहा है

    काल के आधार

    जिस काल में कोई क्रिया होती हैं उस काल के नाम के आधार पर क्रिया का भी नाम रख देते हैं।अत : काल के अनुसार क्रिया तीन प्रकार की होती है

    भूतकालिकक्रिया –  क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा बीते समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है भूतकालिकक्रिया कहलाती है

    वर्तमान कालिकक्रिया –  क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है वर्तमान कालक्रिया कहलाती है

    भविष्यत कालीक्रिया –  क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा आने वाले समय में कार्य के संपन्न होने का बोध होता है भविष्य काली क्रिया कहते हैं

    अकर्मक क्रिया किसे कहते हैं आर्थिक क्रिया किसे कहते हैं काल किसे कहते हैं क्रिया अभ्यास क्रिया किसे कहते हैं हिंदी में क्रिया विशेषण किसे कहते हैं प्रेरणार्थक क्रिया किसे कहते हैं मुख्य क्रिया किसे कहते हैं विशेषण किसे कहते हैं
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email

    Related Posts

    Adjective: विशेषण किसे कहते है? Adjective Kise Kahate Hain

    November 30, 2023

    पक्ष किसे कहते हैं? भेद,उपभेद व उदाहरण – हिंदी व्याकरण

    November 24, 2023
    View 4 Comments

    4 Comments

    1. ASHOK KUMAR on March 13, 2021 8:15 pm

      Very helpful thanks

      Reply
      • Vj on September 13, 2021 7:38 am

        Adorable knowledge
        Thanks a lot

        Reply
    2. Sunil on March 14, 2021 2:16 am

      Good information nd helpful

      Reply
    3. Layasi Layasmita Sethi on June 2, 2021 7:59 am

      Kriya kete prakar?

      Reply

    Leave A Reply Cancel Reply

    Popular Post
    हिंदी Hindi

    हिंदी भाषा का विकास और उत्पत्ति कैसे हुई | हिंदी भाषा का इतिहास

    By NARESH BHABLANovember 1, 2023

    हिंदी भाषा का विकास और उत्पत्ति कैसे हुई व हिंदी भाषा का इतिहास की संपूर्ण…

    इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र [ IGNCA ] I Indira Gandhi Rashtriya Kala Kendra

    November 1, 2023

    हिंदी भाषा के विविध रूप | भाषा के भेद और प्रकार

    November 14, 2023

    Avart Sarni In Hindi – आवर्त सारणी कैसे याद करें

    November 5, 2023

    Chemistry Formula in Hindi | रासायनिक सूत्र की लिस्ट

    November 4, 2023
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    Copyright © 2023-24 goldenclasses.com All Rights Reserved
    All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.