विशेषण का शाब्दिक अर्थ है विशेषता जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता है वह विशेषण (Adjective) कहलाते हैं
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की व्याप्ति मर्यादित व करते हैं वे विशे षण कहलाते हैं
विशेषण (Adjective) गुण को कहा जाता है
विशेषण में संख्या को कहा जाता है
विशे षण परिणाम को कहा जाता है
उदाहरण
मैदान आयताकार है
पहलवान 5 लीटर दूध पीता है
नेहा अच्छा खेलती है
विशेष्य
जिस की विशेषता बताई जाए उसे विशेष से कहा जाता है
जैसे मोर सुंदर है
वह अच्छा गाता है
उद्देश्य विशेषण
जब वाक्य में विशेष से से पूर्व विशे षण आ जाए तो उसे उद्देश्य विशेषण कहा जाता है
जैसे उसका नीला कोट है
समुद्र का खारा पानी है
उसका हरा दुपट्टा है
विधेय विशेषण
जब वाक्य में विशेष्य के बाद विशे षण आता है तो उसे विधेय विशे षण कहा जाता है
उदाहरण
स्कूल का मैदान बड़ा है
समुद्र का पानी नीला है
प्रविशेषण
जो शब्द विशे षण की भी विशेषता बतलाता है वह प्रविशेषण कहलाते हैं
उदाहरण
आम अत्यंत खट्टा है
वह बहुत चालाक है
विशेषण (Adjective) के चार प्रकार होते हैंAdjective
गुणवाचक विशेषण
जो विशे षण विशेष्य की विशेषताओं को रूप रंग आकार दिशा आदि के रूप में बतलाता है
गुणवाचक विशे षण विशेष्य को गुण के रूप में बतलाता है
उदाहरण
आज दिन गर्म है
उसकी कमीज नीली है
पहचान
रूप– सुंदर कुरूप
आकार बड़ा छोटा
रंग काला नीला सफेद
दशा स्वास्थ्य बीमा र
अवस्था अमीर गरीब
यदि किसी विशे षण को थोड़ा कम किया जाता है तो उसके साथ में साथ जोड़ देते हैं
जैसे छोटा सा हल्का सा बड़ा सा काला सा
संख्यावाचक विशेषण
जो विशे षण विशेष्य की विशेषता को संख्या के रूप में बतलाता है उसे संख्यावाचक विशे षण कहा जाता है
जैसे एक दो दस हजारों
उदाहरण
राधा पांचवी मंजिल पर रहती है
बाढ़ से हजारों घर प्रभावित थे
संख्यावाचक विशेषण (Adjective) के दो भेद होते हैं
निश्चित संख्यावाचक विशे षण
जो विशे षण विशेष्य की विशेषता निश्चित संख्या के रूप में बतलाता है उसे निश्चित संख्यावाचक विशे षण कहा जाता है
जैसे दूसरा दूसरी दो
उदाहरण
पहलवान 5:30 रोटी खाता है
राम दूसरी कक्षा में पढ़ता है