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    Home»Environment»जलवायु परिवर्तन क्या है ? Climate Changes
    Environment

    जलवायु परिवर्तन क्या है ? Climate Changes

    By NARESH BHABLAMay 23, 2020Updated:May 13, 2021No Comments4 Mins Read
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    Page Contents

    • Climate Changes: जलवायु परिवर्तन
        • जलवायु
        • विश्व

    Climate Changes: जलवायु परिवर्तन

    हमारी पृथ्वी को चारों तरफ से गिरी हुई वायु की परत को वायुमंडल कहते हैं इस वायुमंडल में होने वाले प्रतिदिन के परिवर्तन को जलवायु कहते हैं

    तापमान, दाब नमिंग वर्षा सूर्य का प्रकाश, बादल तथा वायु का प्रभाव मौसम तथा जलवायु को प्रभावित करते हैं

    किसी भी स्थान की जलवायु उस की समुद्र तल से ऊंचाई अक्षांश समुद्र से दूरी तथा अन्य स्थानीय भौगोलिक कारणों (Geographical Factors) से प्रभावित होती है

    सभी परिवर्तन वायुमंडल की छोभ मंडल (Troposphere) स्तर में होते हैं जोकि समताप मंडल (Stratosphere) से गिरी होती है

    • किसी भी स्थान के मौसम के लिए तापमान तथा अवक्षेपण (Precipitation) बहुत महत्वपूर्ण होते हैं
    • बहुत दिनों से यही समझा जाता रहा है की वायु प्रदूषण स्थानीय जलवायु विशेषकर वर्षा को ही प्रमाणित कर सकते हैं
    • पर अब वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया है कि विश्व जलवायु पर भी वायु प्रदूषण के संभावित प्रभाव हैं
    • वर्तमान में मानव की बढ़ती बिपाशा व प्रकृति के अंधाधुंध दोहन से प्रदूषण उत्पन्न हो रहा है
    • जैसा कि वायु प्रदूषण जल प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ताप प्रदूषण एवं नाभिकीय प्रदूषण आदि के कारण वातावरण दूषित होता जा रहा है
    • जिसका एक सबसे बड़ा दुष्प्रभाव जलवायु परिवर्तन के रूप में सामने आया है

    जलवायु

    आज जलवायु चक्र पूरी तरह से गड़बड़ा गया है प्रकृति अपना नियमित चक्र बनाए रखने में असमर्थ सिद्ध हो रही है

    जल चक्र में परिवर्तन होने से सर्वाधिक गर्मी वाले प्रदेशों में वर्षा या बाढ़ का प्रकोप देखने को मिल रहा है एवं अधिक वर्षा वाले स्थानों पर सूखा पड़ रहा है

    जलवायु में परिवर्तन से अतिवृष्टि अनावृष्टि चक्रवात तूफान आदि आस्क में घटनाओं में वृद्धि होती है

    जिसका प्रभाव मानव के आवास परिवहन ऊर्जा स्रोत स्वास्थ्य आदि सभी पर पड़ता है

    कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी यदि आने वाले वर्षों में गर्मी 8 महीने हो या वर्षा वर्षा के मौसम में नए होकर सर्दियों के समय हो वर्तमान में विश्व के कई भागों में ग्रीष्म ऋतु की अवधि और अधिकतम तापमान में वृद्धि हो रही है

    • औद्योगिकीकरण के कारण उत्पन्न ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि हो रही पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है
    • क्योंकि यह ताप के लिए अवरोधक का कार्य करती है
    • इसके प्रभाव पृथ्वी के अलग-अलग भागों में भिन्न-भिन्न किंतु सभी हानिकारक है

    जलवायु में अप्राकृतिक परिवर्तनों से जैसे CO2 गैस की मात्रा में वृद्धि से कृषि उत्पादन ओं में 10 से 30 प्रतिशत की कमी हो सकती है वनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है

    जलवायु परिवर्तन की घटनाओं से पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystems) पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा जो वनस्पति व जीव इस परिवर्तन को नहीं सह पाएंगे समाप्त हो जाएंगे इससे जैव विविधता को खतरा पैदा होगा

    • जल चक्र भी इससे प्रभावित होगा तापमान परिवर्तन से ध्रुवों पर स्थित बर्फ के पिघलने का खतरा बढ़ जाएगा
    • जिस से समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ेगी और आसपास के तटीय क्षेत्रों के डूबने देने या खारे पन आदि का खतरा बढ़ेगा

    विश्व

    इस कारण विश्व राष्ट्र संघ (UNO) ने यह पाया कि विश्व का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है यदि मानव जनित प्रदूषण नियंत्रित नहीं किया गया तो सन 2100 ताकि यह है 3.5 डिग्री सेल्शियम बढ़ जाएगा

    एलनीनो भी जलवायु संबंधित परिवर्तनों का ही प्रभाव है जिसमें शीतोष्ण प्रशांत समुंद्र क्षेत्र के वायुमंडल में हलचल होती है

    1997- 98 में होने वाले एलनीनो ने से विश्व में लगभग 24000 लोगों की मौत हुई वह 340 लाख अमेरिकी डॉलर की क्षति हुई

    अब जरूरत है कि संपूर्ण विश्व सम्मिलित रूप से प्रयास कर प्रदूषण को नियंत्रित करें जिससे जलवायु में अवांछित परिवर्तन में हो बहुत समय से यही समझा जाता रहा है

    की विभिन्न प्रकार के प्रदूषण खासतौर से वायु प्रदूषण स्थानीय जलवायु विशेषकर वर्षा को ही प्रभावित कर सकते हैं

    http://जलवायु परिवर्तन

    जलवायु परिवर्तन के उपाय जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जलवायु परिवर्तन पर टिप्पणी जलवायु परिवर्तन परिचय भारत में जलवायु परिवर्तन
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