Author: NARESH BHABLA

Budget related Glossary Budget related Glossary (बजट से संबंधित शब्दावली) 1. बजट (Budget) बजट मूल रूप से बोजते शब्द से बना है इसका मतलब होता है चमड़े का थैला पुराने जमाने में व्यापारी अपने रुपए पैसे या कहे छोटे-मोटे खजाने चमड़े के थैले में रखा करते थे धीरे-धीरे यह परंपरा राज काज में भी शामिल हो गई तब के राजाओं के खजांची अपना हिसाब किताब चमड़े के बैग में मैं रखने लगे 2. बजट घाटा (Budget deficit) अगर बजट भाषण में बजट घाटा शब्द का इस्तेमाल करें तो आप समझ लीजिए कि यह प्राप्त राजस्व से अधिक खर्च होने की…

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ई-कॉमर्स की व्यवसाय के लिए क्या उपयोगिता है? ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा लाभ इंटरनेट के माध्यम से सुरक्षित खरीद लेनदेन प्रदान करने की क्षमता है और साथ में लगभग तात्कालिक सत्यापन और क्रेडिट कार्ड लेनदेन का सत्यापन है। इस महत्वपूर्ण प्रभाव के कारण ग्राहकों की अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के विभिन्न क्षेत्रों में उनके लाभों के लिए शोषण हुआ है। ई-कॉमर्स क्या है समझाइए? ई-कॉमर्स या इ-व्यवसाय इंटरनेट के माध्यम से व्यापार का संचालन है; न केवल खरीदना और बेचना, बल्कि ग्राहकों के लिये सेवाएं और व्यापार के भागीदारों के साथ सहयोग भी इसमें शामिल है। अनेक ऑनलाइन व्यापारिक…

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Inflation Inflation (मुद्रास्फीति) थोक मूल्य सूचकांक ( WPI ) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक ( CPI ) देश में मुद्रास्फीति की गणना के लिए दो व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले सूचकांक हैं। भारत मुद्रास्फीति की गणना करने के लिए थोक मूल्य सूचकांक का उपयोग करता है, जबकि अधिकांश देशों में मुद्रास्फीति नापने के लिए CPI का इस्तेमाल किया जाता है। Inflation means (मुद्रास्फीति का अर्थ) मुद्रास्फ़ीति, बाज़ार की एक ऐसी स्थिति है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक समयावधि में लगातार बढ़ती जाती हैं. अतः मुद्रा स्फीति की स्थिति में मुद्रा की कीमत कम हो जाती है। मुद्रा…

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Niyojan Niyojan (भारत में नियोजन) साधारणत: जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को कब करना है ? कैसे करना है ? कहां करना हैं ? और किस रूप में करना है आदि प्रश्नों को विचार करता है तो एक विभिन्न विकल्पों में से किसी एक निर्णय पर पहुचता है उसे ही नियोजन कहते है। साधारण शब्दो में भविष्य के कार्यों का वर्तमान मे निर्धारण नियोजन हैं। एम.ई.हर्ले के शब्दों में- योजना का अर्थ है भविष्य में किए जाने वाले काम के बारे में पहले से निर्धारित करना इसमें उद्देश्यों, नीतियो कार्यक्रमों तथा कार्य विधियों का उनके विभिन्न विकल्पों में से चयन करना…

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Panchvarshiya Yojanaye Panchvarshiya Yojanaye (पंचवर्षीय योजनाएं) भारत में आथिर्क नियोजन के लगभग छ: दशक पूरे हो चुके है।। इन वर्षों में नियोजन के अन्तगर्त कितना आथिर्क विकास हुआ, क्या विकास के दर पयार्प्त है।? क्या विकास उचित दिशा में हो रहा है देश के तीव्र व समग्र आर्थिक विकास के लिए भावी विकास योजनाओ का समुचित नियोजन किया जाना आवश्यक होता है ।हमारे देश में आर्थिक योजनाओं का निर्माण एंव प्रगति का मूल्यांकन करने हेतु 15 मार्च, 1950 को केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर योजना आयोग की स्थापना की गई थी। यह एक सलाहकारी एंव संविधानेतर नेत्र निकाय है । इसका पदेन अध्य्क्ष…

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Niti Aayog Niti Aayog (नीति आयोग) नीति आयोग (राष्‍ट्रीय भारत परिवर्तन संस्‍थान)(नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांस्फोर्मिंग इंडिया) भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्‍थान है जिसे योजना आयोग के स्‍थान पर बनाया गया है। 1 जनवरी 2015 को इस नए संस्‍थान के संबंध में जानकारी देने वाला मंत्रिमंडल का प्रस्‍ताव जारी किया गया। नए नीति आयोग कौन किस पद पर अध्यक्ष : नरेन्द्र मोदी गवर्निंग काउंसिल : मुख्यमंत्री (राज्यों के) और लेफ्टिनेंट गवर्नर (संघ शासित क्षेत्रों के)क्षेत्रीय परिषद : जरूरत के आधार पर गठित, मुख्यमंत्री व क्षेत्र के लेफ्टिनेंट गवर्नर को शामिल किया गया।सदस्य : पूर्णकालिक आधार परअंशकालिक सदस्य : अधिकतम 2, रोटेशनल , प्रासंगिक संस्थानों से।पदेन…

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कृषि कृषि – वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण है। देश के कुल निर्यात व्यापार में कृषि उत्पादित वस्तुओं का प्रतिशत काफ़ी अधिक रहता है। भारत में आवश्यक खाद्यान्न की लगभग सभी पूर्ति कृषि के माध्यम से ही की जाती है। वर्तमान समय में भी एक बहुत बड़ी आबादी को कृषि के माध्यम से रोज़गार प्राप्त है। यह ऐसे में बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है, जबकि देश में बेरोज़गारी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। भारतीय कृषि को ‘देश की रीढ़’ माना गया है, क्योंकि यही वह उपाय है, जो…

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भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सामान्य शब्दों में किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई कहलाता है। ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है। आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को FDI का दर्जा दिलाने के लिए कम-से-कम कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है। इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है। Types of FDI FDI…

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विशेष आर्थिक क्षेत्र विशेष आर्थिक क्षेत्र विशेष आर्थिक क्षेत्र अथवा सेज़ (एसईजेड) उस विशेष रूप से पारिभाषित भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहां से व्यापार, आर्थिक क्रिया कलाप, उत्पादन तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को किया जाता है। यह क्षेत्र देश की सीमा के भीतर विशेष आर्थिक नियम कायदों को ध्यान में रखकर व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विकसित किए जाते हैं। भारत उन शीर्ष देशों में से एक है, जिन्होंने उद्योग तथा व्यापार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष रूप से ऐसी भौगोलिक ईकाइयों को स्थापित किया। भारत पहला एशियाई देश है, जिसने निर्यात को बढ़ाने के लिए 1965 में…

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प्रमुख आर्थिक समस्याएं भारत की वर्तमान समस्या 1. रोजगार की बड़ी समस्या ( Biggest Employment Problems ) प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक नीतियों में रोजगार सृजन नहीं कर पाना एक बड़ी समस्या बना हुआ है। हालांकि अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालीन समस्या है, उन्हें उम्मीद है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार रोजगार को लेकर 2018 में क़दम उठाएगी। चिनॉय कहते हैं, “हमें उम्मीद है कि सरकार कृषि और निर्माण जैसे छोटे बिज़नेस और सेक्टर में कुछ रोज़गार पैदा करेगी.” मुंबई स्थित ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष मयूरेश जोशी के मुताबिक, कच्चे…

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