लोकनीति (Public Policy) का अर्थ- लोकनीति में लोक का अर्थ सरकार सें है। अतः लोकनीति का तात्पर्य है सरकार द्वारा बनाई गई नीति। दूसरे शब्दों में जनता की विविध मांगों एवं कठिनाइयों का सामना करने के लिए सरकार को जो नीतियां बनानी पडती है उन्हें ही लोकनीति कहते है। लोकनीति अथवा ‘सार्वजनिक नीति’ (Public policy) वह नीति है जिसके अनुसार राज्य के प्रशासनिक कार्यपालक अपना कार्य करते हैं। बहुत से विचार कों का मत है कि लोक प्रशासन, लोकनीति को लागू करने और उसकी पूर्ति के लिये लागू की गयी गतिविधियों का योग है। सावर्जनिक नीति का अध्ययन अमेरिका के…
Author: NARESH BHABLA
विशेषण का शाब्दिक अर्थ है विशेषता जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता है वह विशेषण (Adjective) कहलाते हैं जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की व्याप्ति मर्यादित व करते हैं वे विशे षण कहलाते हैं विशेषण (Adjective) गुण को कहा जाता है विशेषण में संख्या को कहा जाता है विशे षण परिणाम को कहा जाता है उदाहरण:- विशेष्य जिस की विशेषता बताई जाए उसे विशेष से कहा जाता है उद्देश्य विशेषण जब वाक्य में विशेष से से पूर्व विशे षण आ जाए तो उसे उद्देश्य विशेषण कहा जाता है विधेय विशेषण जब वाक्य में विशेष्य के बाद विशे षण…
मोटा होने के लिए क्या खाएं | वजन बढ़ाने के 11 तरीके इसी लेख के माध्यम से पूरी जानकारी दी गई है ! मोटा होने के लिए क्या खाएं अच्छी पर्सनालिटी के लिए हमारे शरीर का Attractive दिखना बेहद जरूरी है इसलिए आज कल Lean और पतली बॉडी बनाने की होढ़ मची पडी है मगर जिस तरह मोटापा कम करना मुश्किल तथा मेहनत भरा लक्ष्य है उसी तरह वजन बढ़ाने में भी लोगो के पसीने छूट जाते हैं । मैं दुबले – पतले लोगो की परिस्थिति को अच्छे से समझ सकता हूँ क्योकि मैं खुद इन हलातों का सामना कर…
ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है । जब किसी वस्तु को गर्म करते है तब वह ऊष्मा ग्रहण करती है । ऊष्मा को न तो बनाया जा सकता हे न ही नष्ट किया जा सकता हे ऊष्मा को सिर्फ एक निकाय से दूसरे निकाय में स्तान्तरित किया जा सकता हे ऊष्मा का प्रमाण सर्व प्रथम रदरफोर्ड ने दिया था । उष्मा का मात्रक कैलोरी व किलो कैलोरी मे होता है । S.I. पद्धति मे उष्मा का मात्रक जूल है । 1 कैलोरी =4.18 या 4.2 जूल1 किलो कैलोरी=4.18 ×1000 जूल ताप मापने की इकाई डिग्री सेल्सियस, फारेनहाइट, केल्विन इत्यादि है। उष्मा मापन की 3 इकाइयां होती…
शिक्षा मनोविज्ञान (Teaching Methods in Hindi), मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें इस बात का अध्ययन किया जाता है कि मानव शैक्षिक वातावरण में सीखता कैसे है तथा शैक्षणिक क्रियाकलाप अधिक प्रभावी कैसे बनाये जा सकते हैं। … अतः इसका शाब्दिक अर्थ है – शिक्षा मनोविज्ञान। शिक्षा मनोविज्ञान के जनक कौन है? मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स को माना जाता है। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक विल्लियम वुण्ट हैं। शिक्षा मनोविज्ञान के जनक थार्नडाइक हैं। शिक्षण विधि का अर्थ किसी विषय के ज्ञान को छात्रो तक किस प्रकार पहुँचाया जाए जिससे वे उस निर्धारित उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें। वह पद्रृति’…
क्रिया के जिस रुप से क्रिया प्रक्रिया का बोध होता है उसे क्रिया का पक्ष कहते हैं क्रिया के दो पक्ष होते हैं। पहली दृष्टि से हम देखते हैं कि क्रिया प्रक्रिया आरंभ होने वाली है अथवा आरंभ हो चुकी है अथवा वर्तमान में चालू है या चालू हो चुकी है दूसरे दृष्टि में क्रिया प्रक्रिया को एक इकाई के रूप में देखते हैं। 1. आरंभदयोतक पक्ष इस पक्ष में क्रिया के आरंभ होने की स्थिति का बोध होता है आरंभदयोतक पक्ष कहलाता हैं। उदाहरण 2. सातपय बोधक पक्ष इससे क्रिया की प्रक्रिया के चालू रहने का बोध होता है…
अलंकार किसे कहते हैं – काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है | अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार । यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण है’ क्योंकि मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवर्ती बढ़ाने के लिए अलंकारों को जन्म दिया गया है । जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए शरीर पर आभूषण ग्रहण करती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का भी इस्तेमाल में लाया जाता है । अलंकार किसे कहते हैं? भेद व प्रकार,अलंकार कितने…
सद्गति: मुंशी प्रेमचंद की कहानी, समीक्षा, सद्गति का अर्थ हिंदी में:- हमने इस लेख में सद्गति कहानी का समीक्षा, सद्गति’ कहानी का मूल्यांकन, सद्गति’ कहानी की आलोचना, सद्गति कहानी की विशेषता, सद्गति कहानी में किस विमर्श को दिखाया गया है।, सद्गति कहानी के लेखक कौन है, सद्गति कहानी का प्रकाशन वर्ष, सद्गति का अर्थ, प्रेमचंद की कहानी का सद्गति का सारांश, सद्गति कहानी में नीहित लेख का उद्देश्य क्या है, इत्यादि पर चर्चा की है इसलिए आप अंत तक जरूर पढ़ें। सद्गति: मुंशी प्रेमचंद की कहानी, समीक्षा, सद्गति का अर्थ हिंदी में सद्गति दुखी चमार द्वार पर झाडू लगा रहा…
Vikram Sarabhai was a great scientist and institutional builder who had established several institutions in various fields. One of his greatest achievements is the establishment of the Indian Space Research Organisation (ISRO). In 1947, he came back to India from Cambridge and persuaded the charitable trust that is controlled by his family and friends near his home in Ahmedabad. He established Physical Research Laboratory (PRL) in Ahmedabad on 11 November, 1947 which was the first laboratory of independent India. Name: Vikram SarabhaiDate of Birth:12 August, 1919Place of Birth:Ahmedabad, IndiaFamous as:Scientist, PhysicistFather’s Name:Ambalal SarabhaiMother’s Name:Sarla DeviSpouse/Ex:Mrinalini SarabhaiChildren:Kartikeya Sarabhai, Mallika SarabhaiDied on:30 December,…
राजस्थान लोक सेवा आयोग का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 21 के अनुसार किया गया है राजस्थान लोक सेवा आयोग एक राजस्थान सरकार का आयोग है। जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओँ का आयोजन करती है। इसके माध्यम से राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आर.ए.एस), राजस्थान पुलिस सेवा (आर.पी.एस) तथा राजस्थान तहसीलदार सेवा (आर.टी.एस) में उत्तीर्ण अभ्यर्थियोँ का चयन किया जाता है। इसका मुख्यालय अजमेर में स्थित है। जिसे सत्य नारायण राव समिति की सिफारिश पर जयपुर से अजमेर स्थानांतरित किया गया था! राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों तथा अध्यक्ष की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है। अनुच्छेद 316…