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    Home»History»Modern History»सरदार वल्लभ भाई पटेल Sardar Vallabh bhai Patel
    Modern History

    सरदार वल्लभ भाई पटेल Sardar Vallabh bhai Patel

    By NARESH BHABLAAugust 16, 2020No Comments5 Mins Read
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    Page Contents

      • सरदार वल्लभ भाई पटेल
    • बारडोली सत्याग्रह
    • वल्लभ भाई पटेल की उपाधियां
    • महत्वपुर्ण योगदान

    सरदार वल्लभ भाई पटेल

    सरदार वल्लभ भाई

    • जन्‍म 31 अक्टूबर1875 ई. में
    • नाडियाड_गुजरात में हुआ था।
    • इनके पिता का नाम झवेरभाई पटेल एवं माता का नाम लाड़बाई था ।
    • सरदार पटेल जी ने सन 1897 में 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की और उसके बाद लन्‍दन जाकर बैरिस्टर की पढाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत का कार्य किया था।
    • सरदार पटेल जी का विवाह सन 1893 में 16 वर्ष की अवस्‍था में झावेरबा के साथ हुुआ था।
    • वास्तव में सरदार पटेल आधुनिक भारत के शिल्पी थे।
    •   उनके कठोर व्यक्तित्व में विस्मार्क जैसी संगठन कुशलता,कौटिल्य जैसी राजनीति सत्ता तथा राष्ट्रीय एकता के प्रति अब्राहम लिंकन जैसी अटूट निष्ठा थी।
    • सन 1900 में उन्होंने गोधरा में स्वतंत्र ज़िला अधिवक्ता कार्यालय की स्थापना की

    दो साल बाद खेड़ा ज़िले के बोरसद नामक स्थान पर चले गए

    बारडोली सत्याग्रह

    • गुजरात के किसान आंदोलन में कुनबी पाटीदार जातियों के भो स्वामी किसानों ने ही नही बल्कि कालिपराज(काले लोग) जनजाति के लोगो ने भी हिस्सा लिया।
    • कालिपराज जनजाति की स्थिति बदतर थी उन्हें हाली पध्दति के अंतर्गत उच्च जातियों के यह पुश्तैनी मज़दूर के रूप में काम करना पड़ता था।
    • बदले में खाने को भोजन और तन ढकने को कपड़ा मिलता था।

    1927 में कालीपराजो के वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी ने कालीपराजो को रानिपराज (बनवासी) की उपाधि प्रदान की

    • 4 फरवरी 1928 को बारदोली किसान सत्याग्रह का नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने संभाला बढ़ी हुई लगान के विरुद्ध सरकार को पत्र लिखकर पटेल ने जांच कराने की मांग की  पटेल द्वारा लगान न अदायगी हेतु किसानों को संगठित किए जाने के बाद किसानों ने (हिंदू मुस्लिम) गीता और कुरान पर हाथ रख कर लगान न देने की कसम खाई।

    • कांग्रेस के नरमपंथी गुट ने सर्वेंट ऑफ इंडिया सोसाइटी के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों की मांगों की जांच करवाने का अनुरोध किया
    • बारदोली किसान आंदोलन के समर्थन में मुंबई विधान परिषद के भारतीय नेताओं ने त्यागपत्र दे दिया आंदोलन के बारे में ब्रिटेन की संसद में भी बहस हुई थी

    वयस्राय इरविन ने भी बंबई के गवर्नर विल्सन को मामले को शीघ्र निपटाने का निर्देश दिया सरकार ने बरूम्फील्ड और मैक्सवेल को बारदौली मामले की जांच का आदेश दिया 

    • बारदौली के मेहता बंधुओ (कल्याण जी,कुँवर जी,दयाल जी)ने किसानों के समर्थन में 1922 से ही आंदोलन चलाया हुआ था
    • मगर कपास की कीमतों में गिरावट के बाद बम्बई सरकार ने लगान में 30%की वृद्धि कर देने के बाद मेहता मज़दूरों ने लगान अदायगी रोक नामक सत्यग्रह का नेतृत्व गांधीवादी वल्लभ भाई पटेल को प्रदान किया
    • सरकार ने इस सत्याग्रह आंदोलन को कुचलने के लिए कठोर कदम उठाए पर अंतत: विवश होकर उसे किसानों की मांगों को मानना पड़ा।
    • एक न्यायिक अधिकारी बूमफील्ड और एक राजस्व अधिकारी मैक्सवेल ने संपूर्ण मामलों की जांच कर 22 प्रतिशत लगान वृद्धि को गलत ठहराते हुए इसे घटाकर 6.03 प्रतिशत कर दिया।
    • सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की।

    सरदार पटेल जी को गांधीजी के नमक सत्याग्रह के पक्ष में प्रचार करने के कारण 7 मार्च, 1930 को गिरफ्तार कर साबरमती जेल में डाल दिया जहॉ इन्‍होनें भूख हडताल की थी।

    भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिये उन्हे भारत का “लौह पुरूष” के रूप में जाना जाता है। पटेल जी 2 सितम्बर, 1946 को अंतरिम सरकार में गृह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया था। गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल पहले व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय नागरिक सेवाओं आईसीएस का भारतीयकरण कर इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवाएं आईएएस बनाया।

    1947 में भारत की आज़ादी के बाद पहले तीन वर्ष वे उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री रहे थे

    स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद क़रीब पाँच सौ से भी ज़्यादा देसी रियासतों का एकीकरण एक सबसे बड़ी समस्या थी। कुशल कूटनीति और ज़रूरत पड़ने पर सैन्य हस्तक्षेप के जरिए सरदार पटेल ने उन अधिकांश रियासतों को तिरंगे के तले लाने में सफलता प्राप्त की। इसी उपलब्धि के चलते उन्हें लौह पुरुष या भारत का बिस्मार्क की उपाधि से सम्मानित किया गया।

    सरदार पटेल जी का निधन 15 दिसम्बर, 1950 को हो गया था। सरदार बल्‍लभ भाई पटेल को मरणोपरान्त वर्ष 1991 में भारत के सर्वोच्‍च सम्‍मान भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया था

    यह अवार्ड उनके पौत्र विपिनभाई पटेल द्वारा स्वीकार किया गया।

    सरदार पटेल जी के सम्‍मान में अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है।

    सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती के अवसर पर 31 अक्टूबर, 2013 को नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा ज़िले में सरदार पटेल के स्मारक का शिलान्यास किया।

    इसका नाम ‘एकता की मूर्ति’ (स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी) रखा गया है।  इसकी ऊंचाई 182 मी.(597फुट)है। जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी।

    सरदार पटेल की यादों को ताजा रखने के लिए अहमदाबाद के शाहीबाग में सरदार वल्लभ भाई पटेल मेमोरिल सोसाइटी में सरदार पटेल का थ्री डी संग्राहालय तैयार किया गया है।

    31 अक्टूबर को राष्टीय एकता दिवस मनाया जाता है।

    वल्लभ भाई पटेल की उपाधियां

    • सरदार (बारदौली सत्याग्रह के दौरान)
    • भारत का बिस्मार्क , लौह पुरुष  (रियासतों के एकीकरण के कारण)

    महत्वपुर्ण योगदान

    • खेड़ा आंदोलन
    • बारदौली सत्याग्रह
    • स्वतंत्रता के दौरान रियासतों के एकीकरण में भूमिका।
    • आपरेशन पोलो में केंद्रीय भूमिका(हैदराबाद को भारतीय संघ में विलय हेतु सैनिक कार्यवाही)
    • स्वतंत्र भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री,
    • गृहमंत्री,संचार विभाग के मंत्री
    • रियासती विभाग के प्रमुख

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