Golden Classes
    Facebook Twitter Instagram
    Golden Classes
    • Home
    • Sarkari Yojna
    • Subject
      • PHYSICS
      • Psychology
      • Philosophy
      • Geography
        • World Geography
        • Rajasthan Geography
        • India Geography
      • Arts & Culture
      • Science
      • Computer
      • हिंदी Hindi
      • History
        • Rajasthan History
        • Modern History
        • Medieval History
        • Ancient History
      • Political Science
      • Economy
    • Govt Jobs
    • Motivational
    • Web Stories
    • Others
      • Full Form
    Golden Classes
    Home»Political Science»संसद क्या होती है व इसके कार्य Parliament
    Political Science

    संसद क्या होती है व इसके कार्य Parliament

    By NARESH BHABLAAugust 24, 2020No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Page Contents

    • संसद
    • लोकसभा ( Lok Sabha )
      • लोकसभा संरचना ( Lok Sabha Structure )
      • अधिवेशन, गणपूर्ति, विघटन ( Session, Computation, Dissolution)
      • योग्यताएं
      • लोकसभा की अवधि ( Duration of the Lok Sabha )
      • शपथ या प्रतिज्ञान

    संसद

    संविधान के अनुसार भारत की संसद के तीन अंग हैं   राष्ट्रपति, लोकसभा व राज्यसभा।

     1954 में राज्य परिषद एवं जनता का सदन के स्थान पर क्रमशः राज्यसभा एवं लोकसभा शब्द को अपनाया गया। राज्यसभा, उच्च सदन कहलाता है जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता है।

    भारत की संघीय व्यवस्थापिका को संसद के नाम से जाना जाता है ।संविधान के अनुच्छेद 79 से 122 तक संसद से संबंधित प्रावधान है ।

    अनुच्छेद 79 के अनुसार “संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेंगी जिनके नाम राज्यसभा और लोकसभा होंगे”

    संसद

    राज्यसभा में राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों की प्रतिनिधि होते हैं जबकि लोकसभा संपूर्ण रूप में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है।

    हालांकि राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता और न ही वह संसद में बैठता है

    लेकिन राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कोई विधेयक तब तक विधि नहीं बनता जब तक राष्ट्रपति उसे अपनी स्वीकृति नहीं दे देता।

    लोकसभा ( Lok Sabha )

    • लोकसभा अर्थात निम्न सदन, लोकप्रिय सदन, जनता का सदन
    • संविधान के अनुच्छेद 81 में लोकसभा की संरचना से संबंधित प्रावधान है।
    • लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 ( 530 राज्यों से + 20 संघ शासित प्रदेशों + 2 राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत एंग्लो इंडियन ) हो सकती है।
    • लोकसभा के सदस्य, दो मनोनीत सदस्यों को छोड़कर जनता द्वारा प्रत्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से व्यस्क मताधिकार द्वारा चुने जाते हैं।

    सामान्यतया लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है ।राष्ट्रपति द्वारा इसे पूर्व भी भंग किया जा सकता है।

    आपातकाल में संसद द्वारा इसके कार्यकाल में वृद्धि की जा सकती है। इसमें कम से कम पांच लाख पर एक प्रतिनिधि निर्वाचित किया जाता है परंतु यह बाध्यता उन राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू नहीं है

    जिनकी जनसंख्या साठ लाख से कम है। इसका मुखिया लोकसभा अध्यक्ष कहलाता है।

    लोकसभा संरचना ( Lok Sabha Structure )

    • 61 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1928 द्वारा मत देने की आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दिया।
    • वर्तमान में लोकसभा सदस्य संख्या 545 निर्धारित हैं जिसमें 2 सीटें एंग्लो इंडियन समुदाय के लिए आरक्षित है।

    अधिवेशन, गणपूर्ति, विघटन ( Session, Computation, Dissolution)

    लोकसभा के वर्ष में कम से कम 2 अधिवेशन होनी चाहिए अर्थात दो अधिवेशनों के बीच अंतराल 6 माह से अधिक नहीं होना चाहिए।

    राष्ट्रपति संसद के अधिवेशन आहूत करता है। सदन की गणपूर्ति या कोरम सदन की कुल सदस्य संख्या का 1/10 है। राष्ट्रपति अनुच्छेद 85 (1) के तहत से लोकसभा का विघटन कर सकता है

    योग्यताएं

    • वह भारत का नागरिक हो
    • उसकी आयु 25 वर्ष या उससे अधिक हो
    • संसद विधि द्वारा निर्धारित है अन्य सभी योग्यताएं रखता हो

    लोकसभा की अवधि ( Duration of the Lok Sabha )

    लोक सभा एक अस्थाई सदन है। सामान्य तौर पर इसकी अवधि आम चुनाव के बाद हुई पहली बैठक से 5 वर्ष के लिए होती है, इसके बाद यह खुद विघटित हो जाती है।

    हालांकि राष्ट्रपति को 5 साल से पहले किसी भी समय इसे विघटित करने का अधिकार है। इसके खिलाफ न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।

    इसके अलावा लोकसभा की अवधि आपात की स्थिति में एक बार में 1 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है

    लेकिन इसका विस्तार किसी भी दशा में आपातकाल खत्म होने के बाद 6 महीने की अवधि से अधिक नहीं हो सकता।

    शपथ या प्रतिज्ञान

    लोकसभा सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति या उसके द्वारा इस कार्य के लिए नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेता है और उस पर हस्ताक्षर करता है,कि मैं-

    • भारत के संविधान में सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा।
    • भारत की प्रभुता व अखंडता अक्षुण रखूंगा।
    • कर्तव्यों का श्रद्धा पूर्वक निर्वहन करुंगा

    जब तक तक सदस्य शपथ नहीं लेता लेता, तब तक वह सदन की किसी बैठक में हिस्सा नहीं ले सकता है और न ही मत दे सकता है।

    वह संसद के विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियो का भी हकदार नहीं होता।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email

    Related Posts

    Bharat ke Rashtrapati kaun hai – भारत के राष्ट्रपति 2022

    March 29, 2022

    राजस्थान लोक सेवा आयोग का गठन

    March 26, 2022
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    Popular Post
    हिंदी Hindi

    हिंदी भाषा के विविध रूप | भाषा के भेद और प्रकार

    By NARESH BHABLAFebruary 8, 2022

    हिंदी भाषा के विविध रूप – भाषा का सर्जनात्मक आचरण के समानान्तर जीवन के विभिन्न…

    Relationship सामाजिक अध्ययन का अन्य विषयो संबंध

    July 2, 2020

    Public Policy: भारत की लोकनीति क्या है?

    August 29, 2020

    chemistry formulas in Hindi | रासायनिक सूत्र की लिस्ट

    January 31, 2022

    E-commerce ई-कॉमर्स क्या है व इसके कार्य???

    July 19, 2020
    Facebook Twitter Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    Copyright © 2023-24 goldenclasses.com All Rights Reserved
    All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.