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    Home»Psychology»विशिष्ट बालकों की पहचान Specific Children???
    Psychology

    विशिष्ट बालकों की पहचान Specific Children???

    By NARESH BHABLAAugust 13, 2020Updated:April 8, 2021No Comments3 Mins Read
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    विशिष्ट बालकों की पहचान व शिक्षा Specific Children???
    विशिष्ट बालकों की पहचान व शिक्षा Specific Children???
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    विशिष्ट शिक्षा -किसी कक्षा में विभिन्न तरह के बच्चे होते हैं जिनकी अपनी-अपनी आवश्यकताएँ हो सकती हैं। जैसे – कुछ बच्चे अक्षरों को उल्टा लिखते हैं, कुछ की श्रवण शक्ति कम होती हैं, कुछ मंद बुद्धि वाले होते हैं। सभी बच्चे सामान्य गति से नहीं सीख पाते हैं। कुछ बच्चों का उच्चारण स्पष्ट नहीं होता है जिसके कारण इन बच्चों का विकास एवं दैनिक कार्यशीलता प्रभावित होती है।

    Page Contents

    • अधिगम अक्षम बालक  Learning disabled child )
      • अधिगम अक्षमता का वर्गीकरण ( Classification of learning disabilities )
        • सृजनात्मक बालक ( Creative child )
        • सृजनात्मक बालक की पहचान ( Creative child’s identity )
        • सृजनात्मकता परिक्षण ( Creativity Test )
        • सृजनात्मकता विकास ( Creativity development )
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    • विशिष्ट शिक्षा
        • विशिष्ट शिक्षा का अर्थ

    अधिगम अक्षम बालक  Learning disabled child )

    • औसत विद्यालय उपलब्धि से निम्न का प्रदर्शन
    • निष्पादन संबंधी कठिनाई से युक्त।
    • बिना सोचे – विचारे कार्य करना
    • उपयुक्त आचरण नहीं करना
    • निर्णयात्मक क्षमता का अभाव
    • स्वयं के प्रति लापरवाही
    • लक्ष्य से आसानी से विचलित होना
    • सामान्य ध्वनियों एवं दृश्यों के प्रति आकर्षण
    • ध्यान कम केन्द्रित करना या ध्यान का भटकाव
    • भावात्मक अस्थिरता
    • एक ही स्थिति में शांत एवं स्थिर रहने की असमर्थता
    • स्वप्रगति के प्रति लापरवाही बरतना
    • सामान्य से ज्यादा सक्रियता
    • गामक क्रियाओं में बाधा
    • कार्य करने की मंद गति
    • सामान्य कार्य को संपादित करने के लिए एक से अधिक बार प्रयास करना
    • पाठ्य सहगामी क्रियाओं में शामिल नहीं होना
    • क्षीण स्मरण शक्ति का होना
    • बिना बाहय हस्तक्षेप के अन्य गतिविधियों में भाग लेना में असमर्थ होना तथा
    • प्रत्यक्षीकरण संबंधी दोष।

    अधिगम अक्षमता का वर्गीकरण ( Classification of learning disabilities )

    इसका प्रमुख विभेदीकरण ब्रिटिश कोलंबिया एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिएबलिटी ए गाइड फॉर टीचर्स में दिया गया है, जो निम्नलिखित है –

    • Dyslexia ( पढ़ने संबंधी विकार )
    • Disgraficica डिस्ग्राफिया (लेखन संबंधी विकार)
    • Disclosure डिस्कैलकूलिया (गणितीय कौशल संबंधी विकार)
    • Dysphagia डिस्फैसिया (वाक् क्षमता संबंधी विकार)
    • Dyspraxia डिस्प्रैक्सिया (लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
    • Dysarthographia डिसऑर्थोग्राफ़िय (वर्तनी संबंधी विकार)
    • Auditory processing disorder ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर (श्रवण संबंधी विकार)
    • Visual perception disorder विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर (दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार)
    • Sensitive integration and processing disorder सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग डिसआर्डर (इन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार)
    • Organizational Learning disorder ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)

    सृजनात्मक बालक ( Creative child )

    सृजनात्मकता का अर्थ है -सृजन करना,बनाना,उत्पन्न करना,आदि .

    जेम्स ड्रेवर -“ अनिवार्यतः किसी नई वस्तु का सृजन करना ही सृजनात्मकता है “.

    गिल्फोर्ड के अनुसार सृजनात्मकता के तत्व निम्नलिखित है –

    1 तात्कालिक /वर्तमान से हटकर दूरदर्शी चिंतन का मूर्त रूप देना .
    2.समस्या की पुनर्व्याख्या .
    3.असामान्य किन्तु प्रासंगिक विचारों से सामंजस्य .
    4.अन्य के विचारो में सार्थक /रचनात्मक परिवर्तन.

    सृजनात्मक बालक की पहचान ( Creative child’s identity )

    • मौलिकता के दर्शन होते है 
    • स्वतंत्र निर्णय की क्षमता 
    • परिहास प्रिय
    • उत्सुकता 
    • संवेदनशीलता 
    • स्वायत्ता 

    सृजनात्मकता परिक्षण ( Creativity Test )

    • चित्रपुर्ती करना 
    • पी आई टी -प्रोडक्ट इम्प्रूवमेंट टास्क 
    • वृत्त-परिक्षण -सर्किल टेस्ट -वृत्त में चित्र बनाना .
    • अनुपयोगी वस्तुओ जैसे-टीन के डिब्बे,बोतले आदि से संस्थापन.

    सृजनात्मकता विकास ( Creativity development )

    • शिक्षक को सृजनात्मकता परिक्षण करना चाहिए , और सृजन -क्षमता वाले बालकों को सूचीबद्ध करना चाहिए.
    • रचनात्मक गतिविधिया आयोजित करनी चाहिए.
    • मौलिक प्रदर्शन के अवसर देने चाहिए .
    • बुलेटिन बोर्ड सजाना, कक्षा-पत्रिका, कार्नर आदि तैयार करवाना.
    • सृजनात्मकता परिक्षण के लिए भारत के पासी और बाकर मेहंदी जाने जाते है.

    विशिष्ट बालकों विशिष्ट बालकों विशिष्ट बालकों शिक्षा

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    विशिष्ट शिक्षा

    शारीरिक मानसिक और प्रतिभाशाली अथवा विशिष्ट गुण संपन्न बालकों पर अपनाई जाती है। … विशिष्ट कक्षायें विकलांग बालकों के लिये आवश्यक हैं क्योंकि उनकी शिक्षा के लिये विशिष्ट विधियों तथा प्रविधियों की आवश्यकता होती है। (2) प्रतिभाशाली बालकों का बुद्धि स्तर सामान्य बालकों की अपेक्षा ऊँचा होता है।

    विशिष्ट शिक्षा का अर्थ

    जैसे – कुछ बच्चे अक्षरों को उल्टा लिखते हैं, कुछ की श्रवण शक्ति कम होती हैं, कुछ मंद बुद्धि वाले होते हैं। सभी बच्चे सामान्य गति से नहीं सीख पाते हैं। कुछ बच्चों का उच्चारण स्पष्ट नहीं होता है जिसके कारण इन बच्चों का विकास एवं दैनिक कार्यशीलता प्रभावित होती है।

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