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    Home»Political Science»मौलिक अधिकार Fundamental Rights
    Political Science

    मौलिक अधिकार Fundamental Rights

    By NARESH BHABLAAugust 24, 2020Updated:April 8, 2021No Comments5 Mins Read
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    मौलिक अधिकार
    मौलिक अधिकार
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    मौलिक अधिकार भारत के संविधान के तीसरे भाग में वर्णित भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए वे अधिकार हैं जो सामान्य स्थिति में सरकार द्वारा सीमित नहीं किए जा सकते हैं और जिनकी सुरक्षा का प्रहरी सर्वोच्च न्यायालय है।

    नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार क्यों जरुरी है?

    नागरिकों के लिये मौलिक अधिकार इसलिये जरूरी हैं, ताकि वह बिना किसी भेद-भाव, शोषण और बिना किसी भय के अपने देश में रह सकें और स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। Explanation: … इसके लिए संविधान में नागरिकों के लिए कुछ मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गई है।

    Page Contents

    • मौलिक अधिकार
    • मूल अधिकार का महत्व
      • भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार
        • Also Read:- प्रधानमंत्री, कार्य, शक्ति अधिकार
    • 1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18 तक)
        • 2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22 तक)
        • 3. शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 एवं 24
        • 4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 तक
        • 5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार अनुच्छेद 29 एवं 30
        • 6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32
        • मौलिक अधिकारों का अभिप्राय-
        • भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार
        • भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को प्राप्त मूल अधिकार (केवल शत्रु देश के लोगों को छोड़कर)

    मौलिक अधिकार

    मूल अधिकार का अर्थ

    मूल अधिकारों की व्यवस्था भारत के संविधान की प्रमुख विशेषताएं हैं मूल अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के लिए मौलिक तथा अनिवार्य होने के कारण संविधान द्वारा प्रदान किए जाते हैं और जिन अधिकारों में राज्य द्वारा हस्तक्षेप भी नहीं किया जा सकता।

    मौलिक अधिकार

    मूल अधिकार का महत्व

    मौलिक अधिकारों को मूल विधि या संविधान के स्थान पर प्रदान किया जाता है इन्हें संविधान संशोधन की विशिष्ट विधि द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है इनका राज्य द्वारा अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है दूसरे शब्दों में यह राज्य कि व्यक्ति के विरुद्ध स्वेच्छाचारिता पर रोक हैं मौलिक अधिकार प्रजातंत्र के आधार स्तंभ है इन के अभाव में व्यक्ति का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है मौलिक अधिकारों को न्याय की सुरक्षा भी प्राप्त होती है इनका किसी भी प्रकार से उल्लंघन होने से नागरिक न्यायालय का संरक्षण प्राप्त कर सकता है

    भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार

    संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक मूल अधिकारों का विवरण है संविधान के भाग 3 को “भारत का मैग्ना कार्टा” की संज्ञा दी गई है । मुलसंविधान में सात मौलिक अधिकार थे परंतु 44 वें संविधान संशोधन 1979 द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार सूची से हटा दिया गया अब यह केवल कानूनी अधिकार है वर्तमान में भारतीय संविधान को छह मौलिक अधिकार प्राप्त है

    1. समानता का अधिकार अनुच्छेद(14-18)
    2. स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद(19-22)
    3. शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद(23-24)
    4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद (25-28)
    5. सांस्कृतिक एवं शिक्षा संबंधी अधिकार अनुच्छेद(29-30)
    6. संपत्ति का अधिकार अनुच्छेद 31
    7. संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32

    Also Read:- प्रधानमंत्री, कार्य, शक्ति अधिकार

    हालांकि संपत्ति के अधिकार को 44 वें संविधान अधिनियम 1978 द्वारा मूल अधिकारों की सूची से हटा दिया गया है इसे संविधान भाग XII अनुच्छेद 300- का के तहत कानूनी अधिकार बना दिया गया है इस तरह फिलहाल 6 मूल अधिकार हैं .

    1. समता का अधिकार (अनुच्छेद 14 से 18 तक)

    1- विधि के समक्ष समता एवं विधियों का समान संरक्षण | अनुच्छेद 14
    2- धर्म, मूलवंश, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध | अनुच्छेद 15
    3- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता | अनुच्छेद 16
    4- अस्पृश्यता का अंत और उसका आचरण निषिद्ध | अनुच्छेद 17
    5- सेना या विद्या संबंधी सम्मान के सिवाय सभी उपाधियों पर रोक अनुच्छेद 18

    2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से 22 तक)

    1- 6 स्वतंत्रताओं की सुरक्षा 1 वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
    2- सम्मेलन की स्वतंत्रता
    3- संघ बनाने की स्वतंत्रता
    4- संचरण की स्वतंत्रता
    5- निवास की स्वतंत्रता
    6- वृत्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19)

    2- अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20)
    3- प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
    4- प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21)
    5- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण (अनुच्छेद 22)

    3. शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 एवं 24

    1- बलात श्रम का प्रतिषेध अनुच्छेद 23
    2- कारखानों आदि में बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध अनुच्छेद 24

    4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 तक

    1- अंतकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता अनुच्छेद 25
    2- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता अनुच्छेद 26
    3- किसी धर्म की अभिवृद्धि के लिए करो संदाय के बारे में स्वतंत्रता अनुच्छेद 27
    4- कुछ शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता अनुच्छेद 28

    5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार अनुच्छेद 29 एवं 30

    1- अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति की सुरक्षा अनुच्छेद 29
    2- शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार अनुच्छेद 30

    6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार अनुच्छेद 32

    मूल अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार | इसमें 5 याचिकाएं शामिल है
    1- बंदी प्रत्यक्षीकरण
    2- परमादेश
    3- प्रतिषेध
    4- उत्प्रेषण
    5- अधिकार पृच्छा

    मौलिक अधिकारों का अभिप्राय-

    1. मौलिक अधिकारों को लागु करने के लिए अनुच्छेद 32 के अंतर्गत सीधे उच्चतम न्यायालय में जा सकते हैं।
    2. मौलिक अधिकार ,राज्य के विरुद्ध प्राप्त होते हैं।
    3. मौलिक अधिकार ,संविधान के अन्य भागो में दिए गए अधिकारों से महत्वपूर्ण होते है।

    भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकार

    1 केवल धर्,म मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15)
    2 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता (अनुच्छेद 16) |
    3 विचार, अभिव्यक्ति, शांतिपूर्ण सम्मेलन, निर्बाध विचरण एवं निवास तथा संघ बनाने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) |
    4 अल्पसंख्यकों को शिक्षा एवं संस्कृति संबंधी (अनुच्छेद 29) |
    5 अल्पसंख्यकों को अपने धर्म के प्रचार हेतु शिक्षण संस्थाओं की स्थापना का अधिकार (अनुच्छेद 30) |

    भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को प्राप्त मूल अधिकार (केवल शत्रु देश के लोगों को छोड़कर)

    1 विधि के समक्ष समता और विधियों का समान संरक्षण (अनुच्छेद 14) |
    2 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20) |
    3 प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21) |
    4 प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21) |
    5 कुछ मामलों में हिरासत एवं नजरबंदी से सरंक्षण (अनुच्छेद 22) |
    6 बलात श्रम एवं अवैध मानव व्यापार के विरुद्ध प्रतिषेध (अनुच्छेद 23) |
    7 कारखानों आदि में बच्चों के नियोजन का प्रतिषेध (अनुच्छेद 24) |
    8 धर्म की अभिवृद्धि के लिए प्रयास करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25) |
    9 धार्मिक संस्थाओं के संचालन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26) |
    10 किसी धर्म को प्रोत्साहित करने हेतु कर से छूट (अनुच्छेद 27) |
    11 कुछ विशिष्ट संस्थाओं में धार्मिक आदेशों को जारी करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 28) |

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