Golden Classes
    Facebook Twitter Instagram
    Golden Classes
    • Home
    • Sarkari Yojna
    • Subject
      • PHYSICS
      • Psychology
      • Philosophy
      • Geography
        • World Geography
        • Rajasthan Geography
        • India Geography
      • Arts & Culture
      • Science
      • Computer
      • हिंदी Hindi
      • History
        • Rajasthan History
        • Modern History
        • Medieval History
        • Ancient History
      • Political Science
      • Economy
    • Govt Jobs
    • Motivational
    • Web Stories
    • Others
      • Full Form
    Golden Classes
    Home»Science»मानव शरीर- तंत्रिका तंत्र Nervous system
    Science

    मानव शरीर- तंत्रिका तंत्र Nervous system

    By NARESH BHABLAAugust 14, 2020No Comments8 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    Page Contents

    • तन्त्रिका तंत्र  ( Nervous system)
        • तंत्रिका कोशिका (Neuron):-
        • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र:-
        • 1.मस्तिष्क:-
        • मस्तिष्क के भाग:-
          •  3.पश्च मस्तिष्क( Rhombencephalon )
        • मेरु रज्जु (Spinal Cord):-
        • Nervous system important facts 
          • न्यूरॉन के प्रकार- न्यूरॉन तीन प्रकार के होते हैं
          • यदि आपको हमारे दुआर दिए गए नोट्स पसंद आ रहे है तो आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते है https://www.facebook.com/goldenclasses0/

    तन्त्रिका तंत्र  ( Nervous system)

    तंत्रिका तंत्र का निर्माण तंत्रिका कोशिका से होता है तंत्रिका कोशिकाओं को न्यूरॉन के नाम से जाना जाता है न्यूरॉन शरीर की सबसे बड़ी या लंबी कोशिकाएं हैं। तंत्रिका कोशिकाओं में पुनरुदभन की क्षमता सबसे कम होती है अर्थात मस्तिष्क में पुनरुदभवन की क्षमता सबसे कम होती है। यकृत मनुष्य के शरीर का ऐसा अंग है जिसमें पुनरुदभवन की संख्या सबसे ज्यादा होती है

    Nervous syst

    सजीवों में सभी अंगों के बीच समन्वयन स्थापित रखने एवं नियंत्रण का कार्य तंत्रिका द्वारा किया जाता है। इसके अंतर्गत सारे शरीर में महिन धागे के समान तंत्रिकाएं फैली रहती हैं यह वातावरणीय परिवर्तनों की सूचनाएं संवेदी अंगों से प्राप्त करके विद्युत आवेशों के रूप में इनका द्रुतगति से प्रसारण करती है और शरीर के विभिन्न भागों के बीच कार्यात्मक समन्वय स्थापित करती है

    मनुष्य का तंत्रिका तंत्र बाह्यचर्म(Ectoderm) नामक भुर्णीय जनन स्तर से विकसित होता है। मस्तिस्क,मेरुरज्जु,तथा सभी तंत्रिकाएं मिलाकर तंत्रिका तंत्र का निर्माण करते है।

    कार्य और संरचना के आधार पर तंत्रिका कोशिकाएं दो प्रकार की होती है।

    1. संवेदी
    2. प्रेरक तंत्रिका 

    1. संवेदी तंत्रिका कोशिकाएं – संवेदी अंगों के द्वारा ग्रहण की गई सूचनाओं को मस्तिष्क में पहुंचाती है।

    2. प्रेरक तंत्रिका कोशिकाएं-  मस्तिष्क के द्वारा दी गई सूचनाओं को शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाती है।

    शरीर में सूचनाओं या संदेशों का आदान प्रदान करने वाले अंग सामूहिक रूप से तंत्रिका तंत्र कहलाते हैं। इसमें मुख्य रूप से 4 अंग होते हैं।

    (1) तंत्रिका कोशिका
    (2) तंत्रिका गुच्छिका
    (3) मस्तिष्क
    (4) मेरुरज्जु

    तंत्रिका तंत्र को कार्यों के आधार पर 2 भागों में विभाजित किया गया है।

    (1) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र  ( इसमें मुख्यतया मस्तिष्क मेरूरज्जु तथा तंत्रिकाएं आती है )
    (2) स्वायत्त तंत्रिका तंत्र ( इसमें मुख्यतया स्वतः संचालित होने वाले अंग जैसे हृदय,फेफड़ा, पाचन तंत्र, उत्सर्जन तंत्र आते हैं। )

    मनुष्य में तंत्रिका तंत्र तीन भागों में विभक्त होता है:-

    1. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र:– १.मस्तिष्क २.मेरुरज्जु
    2.परिधीय तंत्रिका तंत्र:- १.कपाल तंत्रिकाएं २.मेरु तंत्रिकाएं
    3. स्वायत्त तंत्रिका तंत्र:- १.अनुकंपी तंत्रिका तंत्र २.परानुकंपी तंत्रिका तंत्र

    तंत्रिका कोशिका (Neuron):-

    मस्तिष्क,मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएं सभी ऊतक के बने होते है या तंत्रिका ऊतक की कोशिकाएं तंत्रिका कोशिका(Neuron)कहलाती है। तंत्रिका कोशिका शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है। इस कोशिका का निर्माण केवल एक बार होता है अर्थात इनमें कोशिका विभाजन की क्षमता नहीं पाई जाती है।तंत्रिका कोशिका के तीन प्रमुख भाग:- १.साइटोन २.डेंड्रोन तथा ३.एक्सॉन होते है।

    केंद्रीय तंत्रिका तंत्र:-

    तंत्रिका तंत्र का वह भाग जो संपूर्ण शरीर तथा स्वयं तंत्रिका तंत्र पर नियंत्रण रखता है,केंद्रीय तंत्रिका तंत्र कहलाता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का निर्माण मस्तिष्क तथा मेरुरज्जु के द्वारा होता है। इन अंगों में तंत्रिकाओं से प्राप्त संवेदनाओं का विश्लेषण होता है।

    1.मस्तिष्क:-

    मस्तिष्क केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का महत्वपूर्ण भाग है। यह पूरे शरीर तथा स्वयं तंत्रिका वक नियंत्रण कक्ष है। मनुष्य के मस्तिष्क का भार लगभग 1400 ग्राम होता है। मस्तिष्क अस्थियों के खोल क्रेनियम में बंद रहता है। क्रेनियम मस्तिष्क की बाहरी आघातों से रक्षा करता है। मस्तिष्क के चारों ओर आवरण पाए जाते है, जिन्हें मस्तिष्कावरण(Meninges) कहते है। यह आवरण तीन स्तरों का बना होता है:-

    1. दृढ़ तानिका:-इसमें कॉलेजन तंतु होते है
    2. जालतनिका:-इस स्तर में रुधिर केशिकाओं का जाल फैला होता है।
    3. मृदूतानिका:-यह परत मस्तिष्क से चिपकी रहती है।

    :-मस्तिष्क के इन आवरणों में यदि संक्रमण(Infection)होता है,तो यह रोग “मेनिनजाइटिस”(मस्तिष्कावन शोध) कहलाता है।

    पायामेटर में स्थित रक्तक जलिकाओं से लसिका के समान द्रव स्त्रावित होता जा जो प्रमस्तिष्क मेरुद्रव कहलाता है।यह मस्तिष्क की बाह्य आघातों से रक्षा करता है तथा मस्तिष्क से पोषक प्रदार्थों,ऑक्सीजन तथा अन्य उत्सर्जी पदार्थों का आदान-प्रदान करता है।

    मस्तिष्क के भाग:-

    1.प्रमष्तिष्क या अग्रमस्तिष्क (presence phalon):- यह पूरे मस्तिष्क का2/3भाग होता है। यह दो भागों सेरिब्रम एवं डाएनसिफेलोन का बना होता है। सेरिब्रम में अनेक उभार एवं गर्त पाए जाते हैं।

    वलयी उभारों को गायरी एवं दो गायरीयो के मध्य धसे भाग को सलक्स कहते है सेरिब्रम में एक गुहा होती है जिसके बाहरी भाग को धूसर द्रव्य तथा भीतरी भाग को श्वेत द्रव्य कहते है।

     में दो भाग पाए जाते है। हाईपोथैलेमस व थैलेमस, इसका प्रमुख भाग हाइपोथैलेमस है जिसमें पिट्यूटरी ग्रँन्थि पाई जाती है।
    कार्य:-डाएनसिफेलोन

    1. सेरिब्रम बुद्गीमता,इच्छाशक्ति,स्मृति,वाणी, चिंतन,याददास्त,संवेदनाओं का केंद्र है।
    2. थैलेमस में दर्द,ठंडा तथा गर्म को पहचानने के केंद्र स्थित होते है।
    3. हाइपो थैलेमस अन्तः स्त्रावी ग्रंथियों से स्त्रावित होने वाले हार्मोन का नियंत्रण करती है।
    4. यह भूख,प्यास,ताप नियंत्रण,प्यार,घृणा का केंद्र होता है।

    2.मध्य मस्तिष्क (Mesencephalic) :- यह सेरिब्रम पेंडकल तथा कार्पोरा क्वाड्रिजिमिना दो भागों का बना होता है।

    मानव मस्तिष्क में चार ऑप्टिक पिंड पाए जाते है अतः इन चारों को संयुक्त रूप से कार्पोरा क्वाड्रिजिमिना कहते है।

    इनमें अग्र दो पिंडो में देखने के,पीछे के दो पिंडो में सुनने के केंद्र स्थित होते है।

    सेरिब्रम कोर्टेक्स को मस्तिष्क के अन्य भागों तथा मेरुरज्जु से जोड़ता है।

    इसका मुख्य कार्य आंखों से आने वाले संवेगों पर नियंत्रण रखना है आँख की पेशियों, दृष्टि के संवेदन, श्रवण संवेदन , गर्दन व धड़ की गति पर नियंत्रण इसी भाग द्वारा होता है।

     3.पश्च मस्तिष्क( Rhombencephalon )

    :-  यह मस्तिष्क का सबसे पीछे का भाग है,जो सेरिबेलम(अनु मस्तिष्क) तथा मेडुला आब्लोंगेटा का बना होता है।

    सेरिबेलम सेरिब्रम के बाद मस्तिष्क का दूसरा बड़ा भाग है। इस भाग में श्वेत द्रव वृक्ष की शाखाओं की तरह फैला होता है,जिसे “जीवन वृक्ष” या “darbar vitae” कहते है।

    मेडुला आब्लोंगेटा मस्तिष्क का अंतिम भाग है।इसका अंतिम सिरा फोरामेन मैग्नम से मेरुरज्जु (Spinal Cord)के रूप में बाहर निकल जाता है।
    कार्य’-

    • सेरिबेलम का मुख्य कार्य शरीर का संतुलन बनाए रखना है,यह शरीर की ऐच्छिक पेशयों के संकुचन पर नियंत्रण करता है।
    • मेडुला आब्लोंगेटा में Vasomoter Centre तथा श्वशन केंद्र पाए जाते है।
    • ह्दय स्पंदन , श्वसन दर , उपापचय, छींक, खांसी, लार आना, निगरण, उल्टी आदि अनैच्छिक क्रियाओं पर नियंत्रण रखता है।
    • यह चेतना , प्रवीणता सोच विचार आदि के लिये उत्तरदायी है।

    मेरु रज्जु (Spinal Cord):-

    मेडुला आब्लागेटा का पिछला भाग मेरुरज्जु बनाता है।यह रीढ़ की हड्डी की कशेरुकाओं की नाल में सुरक्षित रहता है।
    कार्य:-

    • यह प्रतिव्रती क्रियाओं का नियंत्रण एवं संचालन करता है।
    • मस्तिष्क के आने-जाने वाले उद्दिपनों को संवहन करना।

    Nervous system important facts 

    • साइटोरियम-मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे लंबी मांसपेशी जो जांघ में पाई जाती है
    • स्टेपिडियम- मध्य कर्ण में पाई जाने वाली मसल जो मानव शरीर की सबसे छोटी मांसपेशी है
    • न्यूरोलॉजी- इसमें तंत्रिका तंत्र की संरचना और कार्य के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है
    • न्यूराइटिस-तंत्रिका कोशिका शोध
    • न्यूरेल्जिया- तंत्रिका की क्षति से उत्पन्न दर्द
    • माइग्रेन- यह दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है यह शरीर की छोटी-छोटी आवाजों से भी शुरू हो सकता है इस रोग में दृष्टि में व्यवधान और उल्टियां होती है
    • न्यूरो टॉक्सिन-तंत्रिकीय उत्तकों को क्षतिग्रस्त कर देने वाला रसायन।सांप का जहर न्यूरोटॉक्सिन का उदाहरण है
    • इसके अतिरिक्त शीशा और और आर्सैनिक धातुओं के यौगिक मंद न्यूरोटॉक्सिन के उदाहरण है
    • तंत्रिका तंत्र-तंत्रिका ऊतक का बना होता है

    न्यूरॉन के प्रकार- न्यूरॉन तीन प्रकार के होते हैं

    1 संवेदी न्यूरोन- तंत्रिकीय आवेगों को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र तक लेकर जाती है
    2 प्रेरक न्यूरॉन- तंत्रिकीय आवेगो मस्तिष्क के आदेश को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से लेकर अंग तक पहुंचाती है और
    3 मिश्रित न्यूरॉन

    • स्पंजो- को छोड़कर अन्य सभी बहु कोशिकी जीवो में तंत्रिका कोशिका पाई जाती है
    • संवेदाग- संवेदांग में विशिष्ट तंत्रिका कोशिका विशेष उद्दीपन के लिए विशिष्टिकृत होती है
    • जो होने वाले परिवर्तनों को उद्दीपन के रूप में ग्रहण करती है इसमें ज्ञानेंद्रियां शामिल है
    • संचार केंद्र- मानव शरीर में मस्तिष्क एक समन्वयक केंद्र के रूप में कार्य करता है
    • संवेदाग किसी क्रिया के फलस्वरुप मस्तिष्क को उद्दीपन पहुंचाते हैं
      जिन के प्रति प्रतिक्रिया करने के लिए मस्तिष्क आदेश करता है
    • यह आदेश तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा आवश्यक अंग तक पहुंचा दिया जाता है
    • मस्तिष्क और तंत्रिका आपस में मिलकर शरीर के संचार तंत्र का कार्य करती है
    • मांसपेशियां- मानव के शरीर में 639 मांसपेशियां होती हैं
    • लेब्रियेंथ-मानव शरीर के कान के लेब्रियेंथ नामक अंग में पेरिलिम्फ नामक तरल पदार्थ होता है जो शरीर के संतुलन को बनाए रखता है
    • अनुकंपी तंत्रिका तंत्र और परानुकंपी तंत्रिका तंत्र-एक दूसरे के विपरीत अनैच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए कार्य करते हैं
    • प्रतिवर्ती क्रिया- प्रतिवर्ती क्रियाओं में संवेदना मेरूरज्जु तक पहुंचाई जाती है जहां से सामान्यता यह मस्तिष्क को गमन करती है
    • लेकिन इन क्रियाओं के लिए मेरुरज्जु ही शरीर की संबंधित पेशियों को आदेश देता है अगर प्रतिवर्ती क्रिया पीड़ादायक हो तो पीड़ा का आभास पीड़ा के हटने के बाद होता है
    • इस प्रकार शरीर को प्रभावित स्थान से हटने के लिए मेरूरज्जु का आदेश पहले ही हो चुका होता है उद्दीपन का ज्ञान उसके बाद होता है
    • यह क्रियाएं शरीर की संकटकालीन परिस्थितियों में रक्षा करती है और मूलभूत क्रियाएं मानी गई हैं

    • नॉर एड्रीनलिन- नामक रासायनिक द्रव्य न्यूरोट्रांसमीटर पदार्थ है
    • जन्म के बाद मानव के तंत्रिका उत्तक में कोई कोशिका विभाजन नहीं होता है।
    • हमारे शरीर में मस्तिष्क कोशिकाओं में सबसे कम पुनर्योजी शक्ति होती है।
    • प्रतिवर्ती (रिफ्लेक्स) क्रियाओं का नियंत्रण मेरुरज्जु द्वारा होता है।
    • किसी रोगी की जैविक मृत्यु का अर्थ हैं उसके मस्तिष्क के ऊतकों का मर जाना होता हैं।
    • वर्णांध व्यक्ति लाल और हरे रंगों में अंतर नहीं कर पाता हैं।
    • सोडियम पंप का कार्य तंत्रिका आवेग में होता है।
    • तंत्रिका कोशिका(न्यूरोन), तंत्रिका तंत्र की आधारभूत इकाई होती है ।
    • तंत्रिका कोशिका(न्यूरोन)तंत्रिका तंत्र में स्थित एक उत्तेजनीय कोशिका है।
    • इसका कार्य मस्तिष्क से सूचना का आदान प्रदान और विश्लेषण करना है। यह कार्य एक विद्युत रासायनिक संकेत के द्वारा होता है।
    • मानव मस्तिष्क का मेडुला आॅब्लोंगेटा निगलने और उगलने का नियामक केंद्र है।
    • मेडुला आॅब्लोंगेटा मस्तिष्क का सबसे पीछे का भाग होता है।
    • इसका मुख्य कार्य उपापचय,रक्तदाब आहार नाल के क्रमाकुंचन ग्रंथि स्राव तथा हृदय धड़कनों का नियंत्रण करना है।
    • जन्म के बाद मनुष्य के तंत्रिका ऊतक में कोई कोशिका विभाजन नहीं होता है
    • तंत्रिका कोशिकाएं विद्युत रासायनिक प्रेरणाओं के रूप में संवेदी अंगों से सूचनाओं का प्रसारण करती है।
    • मानव शरीर में सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका होती है इसकी लंबाई 90 सेंटीमीटर होती है।

    यदि आपको हमारे दुआर दिए गए नोट्स पसंद आ रहे है तो आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते है https://www.facebook.com/goldenclasses0/

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email

    Related Posts

    आवर्त सारणी इन हिंदी – आवर्त सारणी कैसे याद करें

    February 9, 2022

    chemistry formulas in Hindi | रासायनिक सूत्र की लिस्ट

    January 31, 2022
    Add A Comment

    Leave A Reply Cancel Reply

    Popular Post
    हिंदी Hindi

    हिंदी भाषा के विविध रूप | भाषा के भेद और प्रकार

    By NARESH BHABLAFebruary 8, 2022

    हिंदी भाषा के विविध रूप – भाषा का सर्जनात्मक आचरण के समानान्तर जीवन के विभिन्न…

    Public Policy: भारत की लोकनीति क्या है?

    August 29, 2020

    chemistry formulas in Hindi | रासायनिक सूत्र की लिस्ट

    January 31, 2022

    Relationship सामाजिक अध्ययन का अन्य विषयो संबंध

    July 2, 2020

    E-commerce ई-कॉमर्स क्या है व इसके कार्य???

    July 19, 2020
    Facebook Twitter Instagram Pinterest
    • Home
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    Copyright © 2023-24 goldenclasses.com All Rights Reserved
    All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.