मेवाड़ में गुहिल वंश की स्थापना
उधर मेवाड़ में गुहिल वंश की स्थापना 566 ई. में गुहिलादित्य ने की थी।
गुहिलादित्य ने अपनी राजधानी नागदा (उदयपुर) को बनाया था।
गुहिलादित्य के सिक्के सांभर संग्रहालय में स्थित हैं।
गुहिलादित्य का वंशज महेन्द्र द्वितीय का पुत्र कालभोज/मालभोज था।
कालभोज हारित ऋषि की गायें चराता था। हारित ऋषि ने कालभोज को आशिर्वाद व बप्पारावल की उपाधि दी और कहा जा रे जा बप्पा रावल मानमोरी को हरा डाल।
हारित ऋषि एकलिंग जी की उपासना करते थे। एकलिंग को गुहिलवंश के शासक अपना कुलदेवता मानते हैं।