पक्ष
क्रिया के जिस रुप से क्रिया प्रक्रिया का बोध होता है उसे क्रिया का पक्ष कहते हैं क्रिया के दो पक्ष होते हैं।
पहली दृष्टि से हम देखते हैं कि क्रिया प्रक्रिया आरंभ होने वाली है अथवा आरंभ हो चुकी है अथवा वर्तमान में चालू है या चालू हो चुकी है
दूसरे दृष्टि में क्रिया प्रक्रिया को एक इकाई के रूप में देखते हैं।
(1) (a) आरंभदयोतक पक्ष
इस पक्ष में क्रिया के आरंभ होने की स्थिति का बोध होता है आरंभदयोतक पक्ष कहलाता हैं।
उदाहरण अब राम खेलने लगा है।