Author: NARESH BHABLA

प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है इसका ज्ञान हमें आँखों द्वारा प्राप्त होता है जो विधुत चुम्बकीय तरंगों के रूप में संचारित होता है । प्रकाश क्या है प्रकाश एक उर्जा है जिसका तरंगदैर्घ्य (wavelength) दृश्य सीमा के भीतर होता है, प्रकाश के सबसे छोटे कण को फोटोन कहते हैं। प्रकाश विद्युतचुंबकीय विकिरण का एक छोटा रूप है। … विद्युतचुंबकीय विकिरण के अंतर्गत दृष्य प्रकाश, एक्स-किरण, गामा-किरण, रेडियो तरंगे आदि आते हैं। प्रकाश की दोहरी प्रकृति पायी जाती है , प्रकाश सरल रेखा में गमन करता प्रतीत होता है सर्वप्रथम रोमर नामक वैज्ञानिक ने बृहस्पति ग्रह के उपग्रहो की गति को देखकर…

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IAS Nisha Grewal – इस लेख के माध्यम से आईएएस निशा ग्रेवल के बारे में जानेंगे उन्होंने कैसे 23 साल की उम्र में आईएएस टॉप किया आज इसी लेख के माध्यम से उसकी पूरी जानकारी दी गई है इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़े IAS Nisha Grewal: पहले ही प्रयास में यूपीएससी टाॅप करने वाली 23 साल की लड़की, जानिए निशा ग्रेवाल की सफलता की कहानी संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर साल आयोजित होने वाली सिविल सर्विसेज की परीक्षा में हजारों अभ्यर्थियों के सपने पूरे होते हैं। हर साल कई अभ्यर्थी कड़े परिश्रम के बाद सफल होते हैं।…

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लोकनीति (Public Policy) का अर्थ- लोकनीति में लोक का अर्थ सरकार सें है। अतः लोकनीति का तात्पर्य है सरकार द्वारा बनाई गई नीति। दूसरे शब्दों में जनता की विविध मांगों एवं कठिनाइयों का सामना करने के लिए सरकार को जो नीतियां बनानी पडती है उन्हें ही लोकनीति कहते है। लोकनीति अथवा ‘सार्वजनिक नीति’ (Public policy) वह नीति है जिसके अनुसार राज्य के प्रशासनिक कार्यपालक अपना कार्य करते हैं। बहुत से विचार कों का मत है कि लोक प्रशासन, लोकनीति को लागू करने और उसकी पूर्ति के लिये लागू की गयी गतिविधियों का योग है। सावर्जनिक नीति का अध्ययन अमेरिका के…

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विशेषण का शाब्दिक अर्थ है विशेषता जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतलाता है वह विशेषण (Adjective) कहलाते हैं जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की व्याप्ति मर्यादित व करते हैं वे विशे षण कहलाते हैं विशेषण (Adjective) गुण को कहा जाता है विशेषण में संख्या को कहा जाता है विशे षण परिणाम को कहा जाता है उदाहरण:- विशेष्य जिस की विशेषता बताई जाए उसे विशेष से कहा जाता है उद्देश्य विशेषण जब वाक्य में विशेष से से पूर्व विशे षण आ जाए तो उसे उद्देश्य विशेषण कहा जाता है विधेय विशेषण जब वाक्य में विशेष्य के बाद विशे षण…

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मोटा होने के लिए क्या खाएं | वजन बढ़ाने के 11 तरीके इसी लेख के माध्यम से पूरी जानकारी दी गई है ! मोटा होने के लिए क्या खाएं अच्छी पर्सनालिटी के लिए हमारे शरीर का Attractive दिखना बेहद जरूरी है इसलिए आज कल Lean और पतली बॉडी बनाने की होढ़ मची पडी है मगर जिस तरह मोटापा कम करना मुश्किल तथा मेहनत भरा लक्ष्य है उसी तरह वजन बढ़ाने में भी लोगो के पसीने छूट जाते हैं । मैं दुबले – पतले लोगो की परिस्थिति को अच्छे से समझ सकता हूँ क्योकि मैं खुद इन हलातों का सामना कर…

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ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है । जब किसी वस्तु को गर्म करते है तब वह ऊष्मा ग्रहण करती है । ऊष्मा को न तो बनाया जा सकता हे न ही नष्ट किया जा सकता हे ऊष्मा को सिर्फ एक निकाय से दूसरे निकाय में स्तान्तरित किया जा सकता हे ऊष्मा का प्रमाण सर्व प्रथम रदरफोर्ड ने दिया था । उष्मा का मात्रक कैलोरी व किलो कैलोरी मे होता है । S.I. पद्धति मे उष्मा का मात्रक जूल है । 1 कैलोरी =4.18 या 4.2 जूल1 किलो कैलोरी=4.18 ×1000 जूल ताप मापने की इकाई डिग्री सेल्सियस, फारेनहाइट, केल्विन इत्यादि है। उष्मा मापन की 3 इकाइयां होती…

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शिक्षा मनोविज्ञान (Teaching Methods in Hindi), मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसमें इस बात का अध्ययन किया जाता है कि मानव शैक्षिक वातावरण में सीखता कैसे है तथा शैक्षणिक क्रियाकलाप अधिक प्रभावी कैसे बनाये जा सकते हैं। … अतः इसका शाब्दिक अर्थ है – शिक्षा मनोविज्ञान। शिक्षा मनोविज्ञान के जनक कौन है? मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स को माना जाता है। प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक विल्लियम वुण्ट हैं। शिक्षा मनोविज्ञान के जनक थार्नडाइक हैं। शिक्षण विधि का अर्थ किसी विषय के ज्ञान को छात्रो तक किस प्रकार पहुँचाया जाए जिससे वे उस निर्धारित उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें। वह पद्रृति’…

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क्रिया के जिस रुप से क्रिया प्रक्रिया का बोध होता है उसे क्रिया का पक्ष कहते हैं क्रिया के दो पक्ष होते हैं। पहली दृष्टि से हम देखते हैं कि क्रिया प्रक्रिया आरंभ होने वाली है अथवा आरंभ हो चुकी है अथवा वर्तमान में चालू है या चालू हो चुकी है दूसरे दृष्टि में क्रिया प्रक्रिया को एक इकाई के रूप में देखते हैं। 1. आरंभदयोतक पक्ष इस पक्ष में क्रिया के आरंभ होने की स्थिति का बोध होता है आरंभदयोतक पक्ष कहलाता हैं। उदाहरण 2. सातपय बोधक पक्ष इससे क्रिया की प्रक्रिया के चालू रहने का बोध होता है…

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अलंकार किसे कहते हैं – काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है | अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार । यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘ आभूषण है’ क्योंकि मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है उसकी प्रवर्ती बढ़ाने के लिए अलंकारों को जन्म दिया गया है । जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए शरीर पर आभूषण ग्रहण करती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का भी इस्तेमाल में लाया जाता है । अलंकार किसे कहते हैं? भेद व प्रकार,अलंकार कितने…

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सद्गति: मुंशी प्रेमचंद की कहानी, समीक्षा, सद्गति का अर्थ हिंदी में:- हमने इस लेख में सद्गति कहानी का समीक्षा, सद्गति’ कहानी का मूल्यांकन, सद्गति’ कहानी की आलोचना, सद्गति कहानी की विशेषता, सद्गति कहानी में किस विमर्श को दिखाया गया है।, सद्गति कहानी के लेखक कौन है, सद्गति कहानी का प्रकाशन वर्ष, सद्गति का अर्थ, प्रेमचंद की कहानी का सद्गति का सारांश, सद्गति कहानी में नीहित लेख का उद्देश्य क्या है, इत्यादि पर चर्चा की है इसलिए आप अंत तक जरूर पढ़ें। सद्गति: मुंशी प्रेमचंद की कहानी, समीक्षा, सद्गति का अर्थ हिंदी में सद्गति दुखी चमार द्वार पर झाडू लगा रहा…

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